Kanyakubj Nursing College is our dream child, which is a gift to the society and the people of this city by our Vidhya Pracharini Sabha, managed by Kanyakubj Shekshanik awam Parmarthik Trust. Vishva Vidhya Pracharini Sabha is active in the field of eductaion since nearly 100 years. Many activities are arranged in the campus situated at Rajmohalla, but due to the lack of space, we couldn’t reach the goal which we had kept in mind. We have 96,000 Sqr Ft. land area in Vijay Nagar, on which, in the first step we have established the Nursing College. We are determinedto make it a highly reputed Nursing College. Our motto is to make this nursing college fully equipped with all the nursing training facilities in the coming years. We are doing this with the help of all the members of the society, to whom I am really thankful for the support provided by them.
Mr. Vishnu Prasad Shukla (President)
Kanyakubj Shekshanik awam Parmarthik Trust
बहुमुखी प्रतिभा एवं प्रतिबद्धता के पर्याय पं.विष्णुप्रसाद शुक्ला
जनकल्याण को मूल लक्ष्य मानकर राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करने वाले बाबूजी ने सामाजिक उत्थान को हमेशा प्राथमिकता दी। सामाजिक और ब्राह्मण समाज की गतिविधियों में अग्रणी रहने वाले बाबूजी श्री कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष के रूप से सदैव समर्पित भाव से समाज को मार्गदर्शन देते रहे। उनके नेतृत्व में इंदौर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरो में सामूहिक विवाह सम्मलेन सम्पन किये गए. सर्व ब्राह्मण संगठन को आत्मविश्वाश देने में सदैव तत्पर रहने वाले बाबूजी के नेतृत्व में इंदौर में कान्यकुब्ज महाविद्यालय एवं कान्यकुब्ज नर्सिंग महाविद्यालय की शुरुआत की गई।
सामाजिक विकास और आम व्यक्ति की खुशहाली को राजनितिक नेतृत्व के माध्यम से रेखांकित कर जनकल्याण का कदम उठाने वाले लोग विरले ही होते है। सर्वधर्म समभाव और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के साथ समाज को विभिन्न आयामो से जोड़ने की दिशा में कार्य करने वाले व्यक्तिव निश्चित रूप से बहुमुखी व्यक्तित्व के मलिक होते है जिनके माध्यम से समाज देश और आम आदमी का आत्मविश्वास बढ़ जाता है ऐसे ही बहुमुखी व्यक्तियों में से एक है भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ, समाजसेवी, सहित्य मर्मज्ञ एवं अल्मा के चेअरमैन पं.विष्णुप्रसाद शुक्ला ”बाबुजी” जिन्होंने न केवल सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र में अपनी अभिनव छवि के माध्यम से पहचान बनाई है,बल्कि जनकल्याण के कार्यो तथा विभिन्न गतिविधियों से सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया है. चार दशको से ज्यादा समय से पूर्णरूपेण समर्पित पं. विष्णुप्रसाद शुक्ला ”बाबूजी” ने अपनी नेतृत्वशीलत्ता से न केवल आम जनता को मुख्य धारा से विकास जोड़ने में अपनी राजनितिक प्रतिबद्धता का परिचय दिया, बल्कि उन्होंने युवा वर्ग को प्रेरणा और प्रोत्सहान प्रदान कर उनके आत्मविश्वास को ऊर्जावान दिशा दी।
उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले पैतृक सम्बंध रखने वाले राजनितिक मनिषी बाबूजी ने मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को अपना कर्मस्थली बनाया। उन्होंने मालवा के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक मूल्यों को आत्मसात कर जनकल्याण की दिशा में राजनितिक का मार्ग चुना। उन्हें भाजपा के तत्कालीन वरिष्ठ राजनेताओं में शामिल श्री अटलबिहारी वाजपेयी, श्री लाल कृष्ण आडवाणी, श्री प्यारेलाल खण्डेलवाल जैसै वयक्तियों का आत्मीय सानिध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव के माध्यम से अपनी पहचान बनाई जनकल्याण को मूल लक्ष्य मानकर राजनितिक नेतृत्व प्रदान करने वाले बाबूजी ने सामाजिक उत्थान को हमेशा प्राथमिकता दी। सामाजिक और ब्राह्मण समाज की गतिविधियों में अग्रणी रहने वाले बाबूजी श्री कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष के रूप से सदैव समर्पित भाव से समाज को मार्गदर्शन देते रहे। ब्राह्मण परिवार के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर उन्हे आगे बढ़ाने का यज्ञ कार्य बाबूजी के नेतृत्व में किया जाता रहा है। राष्टीय एवं अंतर्राष्टीय स्तर पर विभिन्न ब्राह्मण समाज संगठनों को प्रेरणा एवं प्रोत्साहन देने वे हमेशा अग्रणी रहे। भगवान परशुराम के जनजागरण में उन्होंने न केवल युवा वर्ग में मार्गदर्शन दिया बल्कि उन्हें नेतृत्व के अवसर प्रदान किये। सहज, सरल एवं हसमुख स्वभाव के धनी बाबूजी ने शिक्षा के लोकतांत्रिकरण पर विशेष जोर दिया है। क्योकि शिक्षा सामाजिक और सांस्क्रतिक बदलाव का मुख्य कारक होती है। सामहिक विवाह सम्मलेन, यज्ञओपवित संस्कार तथा भगवान परशुराम की जन्म स्थली जानापाव के विकास कार्यो को बढ़ाने में बाबूजी की प्रतिबद्धता और समर्पण भाव आम जनता को ऊर्जावान बना देता है। उन्होंने 1992 में जानापाव स्थित परशुराम मंदिर के विकास हेतु संकल्प लिया और आज भी वे प्रतिबद्धता से जुड़े है।